भले ही आईएमएफ आर्थिक रूप से तबाह श्रीलंका की मदद करने के लिए सहमत हो गया हो लेकिन देश सुरक्षित होने से अभी बहुत दूर है. आईएमएफ की जरूरत है कि विदेशी लेनदार श्रीलंका के कर्ज को पुनर्गठित करने के लिए सहमत हों. हालांकि, बड़ा ऋणदाता चीन बोझ साझा करने के लिए अनिच्छुक है. आईएमएफ ने सख्त राजकोषीय और नीतिगत सुधारों की भी मांग की है. असली परीक्षा तो आगे है.