महामारी में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है. लेकिन लगता है आईसीएमआर को यह पता नहीं है. चाहे वह कोविड मरीजों के एक / दो निगेटिव परीक्षणों की बात हो या प्लाज़्मा उपचार के उपयोग की, या कुछ और विसंगतियां और यू-टर्न इसकी पहचान बन रहे हैं. आईसीएमआर कोई गुप्त एजेंसी नहीं है. इसे लोगों को तर्क के साथ शिक्षित करना चाहिए.