बीजेपी का ओडिशा के आईएएस, आईपीएस अधिकारियों को राजनेताओं के रूप में बताना थोड़ा कठोर और व्यापक है लेकिन पूरी तरह से खोखला नहीं है. उनका यह काम नहीं था कि वो चुनावी जीत पर सीएम नवीन पटनायक को बधाई दें. उन्हें यह याद रखना चाहिए कि उनकी निष्ठा की शपथ संविधान के प्रति है, राजनीतिक आकाओं के लिए नहीं.
मॉस्को का कदम वापस लेने का वादा उत्साहजनक है और पुतिन को अभी के लिए ‘चेहरा बचाना’ की इजाजत दी जानी चाहिए
भले ही रूस-यूक्रेन वार्ता उनके युद्ध को खत्म करने के लिए बहुत दूर है, मॉस्को द्वारा सैनिकों की वापसी का वादा एक उत्साहजनक कदम है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना ने बाजी मार ली है, लेकिन उसके पास अभी भी विकट विनाशकारी क्षमताएं हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि पुतिन उनका उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें अभी के लिए ‘चेहरा बचाने’ की अनुमति देनी होगी.