हरिद्वार की ‘धर्म संसद’ में हिंदू नेताओं द्वारा ‘मुसलमानों को मारने’ का आह्वान अब ज्यादा भयावह हो गया है क्योंकि इस पर चुप्पी, कोई आधिकारिक निंदा और पुलिस कार्रवाई नहीं की गई. अब इस तरह की घटनाओं को असामाजिक तत्व कहकर नहीं टाला जा सकता है–वायरल वीडियो के युग में तो नहीं.