यह शर्म की बात है कि हामिद अंसारी जैसी एक सार्वजनिक हस्ती को शरारतपूर्ण तरीके से भारत-पाकिस्तान जासूसी सिद्धांत में घसीटा जा रहा है. वह भी जूम सेशन में एक बमुश्किल पाकिस्तानी पत्रकार के अप्रमाणित दावे के आधार पर. उसके किसी भी दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती है. यह बदनामी के बराबर है.