गुजरात हाई कोर्ट का राहुल गांधी की याचिका को खारिज करना और मोदी समुदाय पर उनके भाषण को नैतिक पतन बताना ओवररीच है. मानहानि के मामलों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना चाहिए. यह एक अनावश्यक औपनिवेशिक खुमारी है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाती है और राजनीतिक चर्चा के लिए जगह कम कर देती है. कई देशों ने इसे ख़त्म कर दिया है.