भारत सरकार अक्सर आईएएस अधिकारियों की कमी की बात करती है लेकिन इस साल भी सिर्फ 180 अधिकारियों को ही चुना गया जो स्थिति 2012 के बाद से बदली नहीं है. इसका कारण सामान्य है. प्रमोशन की गारंटी का मतलब है कि हर नौकरशाह को एक दिन वरिष्ठ पद मिलेगा भल ही वो बेकार हो. मिड-कैरियर कलिंग पर विचार किया जाना चाहिए. भारत को प्रशासकों की जरूरत है न कि शीर्ष-स्तरीय अधिकारियों की.