प्रसारकों को ‘राष्ट्रीय महत्व’ के सामाजिक रूप से प्रासंगिक ‘प्रोग्राम’ प्रसारित करने के लिए मजबूर करना भारत को दूरदर्शन प्रचार प्रसारण के निराशाजनक युग में वापस धकेल देगा. चूंकि भारतीय टीवी से तंग आ चुके हैं, इसलिए सरकार को चीन या नॉर्थ कोरिया की तरह प्रोग्राम को कंट्रोल नहीं करना चाहिए. रिमोट कंट्रोल नागरिकों के हाथ में होना चाहिए न कि सरकार के.