भारतीय यूनिकॉर्न और टेक स्टार्ट-अप आगे बढ़ रहे हैं, आईपीओ ला रहे हैं, प्राइवेट इक्विटी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं और यहां तक कि कंपनियों का भी अधिग्रहण कर रहे हैं. उनके उदय के पीछे सरकारी नीतियों का हाथ रहा है. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी यही होना चाहिए. सरकार को उद्योग जगत की बात सुननी चाहिए और और ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे में विवादास्पद क्लॉज को संशोधित करना चाहिए.