तब जब बेटी बचाओ के पोस्टर हमारी सड़कों पर धूम मचा रहे हैं तब दिप्रिंट को पता चला है कि 12 साल की लड़कियों को उनके दादा की उम्र के पुरुषों को उनकी ‘पत्नियों’ के रूप में बेचा जा रहा है. यह प्रथा कन्या भ्रूण हत्या, टॉक्सिक सोशल वैल्यू का परिणाम है. जो हमें शर्मसार कर रही है. पुलिस और सरकार को इस नारे से आगे जा कर काम करना होगा.