एफएसएसएआई को इतना डरपोक नहीं होना चाहिए और देश के प्रमुख शहद के ब्रांडों पर लगे मिलावट के आरोपों की जांच में तत्परता दिखानी चाहिए. सीएसई एक जानी मानी संस्था है और उसके शहद में ‘चाइनीज़ चीनी’ के दावे की निर्णायक जांच होनी चाहिए, खासतौर पर इसलिए की सभी प्रमुख शहद उत्पादकों ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. अभी सोचने का वक्त नहीं है.