वैसे तो चुनावों के समय में तमाम चीजें मुफ्त बांटे जाने की घोषणा करना तमिलनाडु का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है लेकिन हर महीने गृहिणियों के लिए मुफ्त वेतन की ऐलान काफी बड़ी बात है. एक ऐसा राज्य जो कि ‘राजस्व अधिशेष’ से ‘राजस्व घाटे’ की तरफ बढ़ रहा है उसके लिए इस तरह के जोखिम भरे वित्तीय कदम को झेल पाना मुश्किल होगा.
होम50 शब्दों में मतवित्तीय रूप से कमजोर तमिलनाडु गृहिणियों के लिए मुफ्त मासिक मजदूरी मुश्किल से झेल पाएगा
वित्तीय रूप से कमजोर तमिलनाडु गृहिणियों के लिए मुफ्त मासिक मजदूरी मुश्किल से झेल पाएगा
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