अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन ने भारतीय राजनीति और समाज में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है. इसके साथ, भाजपा ने अपनी सूची के एक बड़े वादे को पूरा कर दिया है, हालांकि यह एक बड़ी कीमत चुकाकर हासिल हुआ है. पहचान की राजनीति पूरी हुई, मोदी को अब ‘सबका विकास’ पर ध्यान देना होगा.
केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर के पहले साल में सब ठप रहा, दूसरे वर्ष में राजनीतिक प्रक्रिया और बदलाव की शुरुआत जरूरी
अनुच्छेद 370 के दर्जे बिना केंद्रशासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर के पहले साल की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि यह पूरी तरह घटना रहित रहा. बदलाव और सामंजस्य बढ़ाने का वादा अभी अधूरा ही है, इसका कुछ कारण तो कोविड को माना जा सकता है. दूसरे वर्ष में गति बढ़ाकर राजनीतिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित और बदलावों पर अमल किया जाना चाहिए.