पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो के बाद शिक्षाविद और सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति को खंडित किया जाना प्रतीकात्मक तो है लेकिन स्तब्ध करने वाला नहीं है. वोटों की अपनी बेतहाशा भूख में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही बंगाल को सांप्रदायिकता की भट्ठी में झोंक रहे हैं लेकिन जिन स्तंभों पर बंगाल का बौद्धिक गर्व ठहरता है उन्हें धक्का ज़रूर लग रहा है.