अपनी चीन यात्रा से मैक्रों को ताजगी मिली हो लेकिन इससे उन्होंने अपने सहयोगी मित्र राष्ट्रों को नाराज कर दिया है. दरअसल मैक्रों ने इस यात्रा के बाद यूरोप को वाशिंगटन और बीजिंग के बीच ताइवान के टकराव से बाहर रहने का आह्वान किया है. रूस को लेकर आशंकित, अधिकांश यूरोपीय स्टेट्स अपनी सुरक्षा में अमेरिका से ज्यादा से ज्यादा मदद चाहते हैं. फ्रांस में तेजी से अलोकप्रिय हो रहे मैक्रों को बाहर भी विश्वास खोने का खतरा है.