मोदी सरकार और पंजाब सरकार द्वारा गेहूं पर डीबीटी से भुगतान करने पर बनी सहमति सुधारात्मक है. हमारी खेतीगत अर्थव्यवस्था में ज्यादातर चीज़ें बातों और परंपरा के आधार पर चलती है, जो अक्सर किसानों के खिलाफ साबित होती है. कमीशन एजेंट्स और आढ़तियों की जरूरत है लेकिन उधारदाताओं-विक्रेताओं-खरीदारों के रूप में नहीं.