इस चुनाव में सीपीएम द्वारा विधायकों के कार्यकाल को दो बार तक सीमित करना अच्छा कदम है.समय के जाल में फंसे लेफ्ट की पैठ कम होती जा रही है. ऐसे में बदले हुए भारत के साथ अपनी विचारधारा और राजनीति को ढालना एकमात्र उम्मीद है. भारतीय कम्युनिस्टों को सोशल डेमोक्रेट्स में बदलने की जरूरत है.