सुल्ली डील्स के आने के कुछ ही महीनों बाद मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करते हुए बुल्ली बाई ऐप का आना उदासीन सिस्टम में संरक्षण होने को दिखाता है. अगर पहले इस मामले में गिरफ्तारियां हो गई होतीं तो शायद ये नौबत फिर से नहीं आती. एक ऐसी सरकार जो कि जानती है कि एजेंसियों को कैसे यूज़ करना है उसके लिए गुनहगारों को पकड़ना मुश्किस नहीं होता.