प्रदूषण से प्रभावित राज्यों की सरकारें आपात्कालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही हैं, यह नाराज़ सार्वजनिक बहस का विषय है. लेकिन पटाखा प्रतिबंध के लगातार और जुझारू उल्लंघन को देखने से पता चलता है कि नागरिक भी अपनी भूमिका निभाने में विफल हो रहे हैं. सुबह उठते ही आपको खराब हवा में सांस लेनी पड़ती हैं.