कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में पंजाब जैसे संकट के बीज बो दिए हैं। उनके समझौते फार्मूले की वजह से दोहरा शक्ति केंद्र बन गया है जो कि अशोक गहलोत सरकार को कमजोर कर रही है. लेकिन इसने उनको चुनौती देने वाले सचिन पायलट को भी अधर में लटका दिया है और भविष्य के लिए कोई रोडमैप नहीं छोड़ा. कांग्रेस को एक निर्णायक नेतृत्व की जरूरत है जो समस्याओं का समाधान करे, बजाय उन्हें बढ़ाने के.