उकसाने के लिए धार्मिक जुलूसों, नारों, पत्थरबाजी और सांप्रदायिक दंगों- हम सोचते थे कि ये अब पुराने समय की बात हो चुकी है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. मोदी-शाह की भाजपा तले इसकी वापसी प्रतिशोध की भावना के साथ हुई है. इस पर तुरंत कार्रवाई की दरकार है. ऐसा भारत बनाने के लिए लोगों ने वोट नहीं दिया था.