सत्ता में बैठे नेताओं के विरोधियों को अधिकारी निशाना बनाते हैं, यह कहकर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने भारतीय पुलिस व्यवस्था के काले सच को सामने ला दिया. कानून के शासन के बजाए शासकों का कानून एक मुहावरा बनता जा रहा है. इसका जवाब इसी में है कि ये कभी न भूलें कि पुलिस की शपथ की निष्ठा संविधान के प्रति है.