तमिलनाडु सरकार द्वारा एक हज़ार से भी ज्यादा जगहों के अंग्रेज़ी हिज्जे (वर्तनी) को बदलकर तमिल उच्चारण वाला करने का फैसला बेकार है. इसमें टैक्सपेयर के पैसे और आधिकारिक मशीनरी का महामारी के दौरान गलत इस्तेमाल करना ही एक तरह से दिखता है. ईके पलानीस्वामी सरकार को कोविड महामारी के प्रबंधन और आर्थिक सुधारों पर ध्यान देना चाहिए. भाषाई राजनीति खेलना उसकी असुरक्षा को दिखाता है.
इस कोरोना महामारी के बीच तमिलनाडु सरकार द्वारा अंग्रेजी वर्तनी वाले शहरों के नाम बदलना अशोभनीय है इस समय शहरों के नाम बदलने की आवश्यकता नहीं है। इसमें जनता के टैक्सपेयर के धन का अपव्यय है।