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Sunday, 23 June, 2024
होम50 शब्दों में मतकेंद्र-राज्य के बीच रस्साकशी से भारत को नुकसान, कोविड को किसी राजनीतिक तकरार जैसे नहीं ले सकते

केंद्र-राज्य के बीच रस्साकशी से भारत को नुकसान, कोविड को किसी राजनीतिक तकरार जैसे नहीं ले सकते

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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वैक्सीन की कमी और कोविड प्रबंधन पर केंद्र-राज्य के बीच रस्साकशी दिखाती है कि महामारी को भारत गलत ढंग से ले रहा है. ब्यूरोक्रेसी, राजनीति और अभिमान का घालमेल नुकसान कर रहा है. इसे किसी राजनीतिक या नीतिगत तकरार के तौर पर नहीं लिया जा सकता. लाखों लोगों की जान और आजीविका दांव पर लगी है.

FCAT को खत्म करना एक सुधार लेकिन फिल्मकारों को HCs में अपील करने की बात भी ठीक नहीं

एफसीएटी को खत्म करना एक सुधार है. फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए भारत को ट्रिब्यूनल ब्यूरोक्रेसी की जरूरत नहीं है. लेकिन फिल्मकारों को हाई कोर्ट में अपील करने की बात भी ठीक नहीं. यह न्यायालयों को प्रमाणन शिकायतों से भर देगा. सेल्फ-सर्टिफिकेशन की मंजूरी मिलनी चाहिए और कुछ खास मामलों में ही अदालत का रुख करना चाहिए.

भगवान पर विजयन का दावा दिखाता है कि चुनाव जीतने के लिए सिर्फ वर्ग संघर्ष ही काफी नहीं है

पिनरई विजयन का ये दावा कि भगवान एलडीएफ के साथ है, वामपंथी मुख्यमंत्री के लिए विश्वास के प्रति आस्था को दिखाता है. भगवान की मौजूदगी को नास्तिक कॉमरेड्स द्वारा मानने पर मंजबूर करने का श्रेय भाजपा को जाता है. सिर्फ वर्ग संघर्ष ही चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं है.

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