मुजफ्फरनगर महापंचायत विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के आंदोलन को तेज करने का संकेत है. इसका राजनीतिकरण कृषि कानूनों पर तर्कपूर्ण बहस को कठिन बना देगा. लेकिन, केंद्र को दूसरा रास्ता नहीं देखना चाहिए इसे किसानों के साथ फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए. गतिरोधपूर्ण दृष्टिकोण न तो राजनीति और न ही शासन सर्व करेगा.