हमें त्योहार के मौसम में लोगों के ख़ुशी से द्वेष नहीं रखना चाहिए, लेकिन 30 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार द्वारा बोनस देना नैतिकता के खिलाफ है. वे पहले से ही निजी क्षेत्र के विपरीत, वेज में कटौती और ले-ऑफ से सुरक्षित हैं. करदाता के खर्च पर बोनस देना गलत है. इस अर्थव्यवस्था और राजकोषीय संकट में हर किसी को त्याग करना होगा.
चेतावनी पर्याप्त नहीं है, चुनाव आयोग को पार्टियों, बिहार प्रशासन को कोविड के मानदंडों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए
सोशल डिस्टैन्सिंग के नॉर्म्स के अनुसार चुनाव आयोग का बिहार चुनाव अभियान के दौरान बड़ी सार्वजनिक रैलियों के आयोजन के खिलाफ राजनीतिक दलों को चेतावनी सही है. सबकुछ पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर निर्भर है, लेकिन चुनाव आयोग को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य प्रशासन दूसरा रास्ता देखना बंद कर दे और कार्रवाई करे.
जब सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एक वर्ष और छः महीने के लिए रोक दिया तब आपकी नैतिकता भरी बातें कहाँ थी, तब आपने क्यों नहीं कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों ने भी त्याग किया है, बोनस के इस फैसले से आपको इतनी तकलीफ क्यों हो रही है, ये पैसा अंततः बाजार में ही आने वाला है जो हमारी अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने में मदद करेगी ।