हरियाणा के एक बीजेपी सांसद द्वारा देश में “लिव-इन रिलेशनशिप की बीमारी” के खिलाफ कानून बनाने की मांग करना एक प्रतिगामी धारणा को दर्शाता है जिसमें व्यक्तियों की स्वतंत्रता के लिए कोई जगह नहीं है. ऐसे व्यक्तियों की अनुमानित नैतिकता लोगों के जीवन विकल्पों से समझौता करने का आधार नहीं हो सकती. राष्ट्र इसके बिना चल सकता है.