पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के प्रवेश से बीजेपी को एक विश्वसनीय जाट सिख चेहरा मिल गया है, जिसका राज्य में मोदी लहर कभी सफाया नहीं कर पाई. एक राष्ट्रवादी के रूप में उनकी साख, जो हमेशा पंजाब और पंजाबियों के लिए लड़ते थे, बीजेपी को अपना आधार बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, बशर्ते उसे सीमावर्ती राज्य में राजनीति के ध्रुवीकरण के खतरों का एहसास हो.