2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की घोषणा को महागठबंधन में उत्तराधिकार की बहस पर विराम लगाने की एक कोशिश के तौर पर देखा जाना चाहिए. क्योंकि नीतीश कुमार के बयानों पर पूर्णविराम की गुंजाइश कम ही होती है. ऐसे में ताजा बयान का मतलब यह भी हो सकता है कि तेजस्वी को 2025 से पहले सीएम की कुर्सी पर नजर नहीं डालनी चाहिए. 2024 का लोकसभा चुनाव इसमें छिपा एक अर्धविराम जरूर हो सकता है.
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