मोहन भागवत का एनआरसी का आह्वान- प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट करने के बावजूद कि पूरे भारत में इसे किए जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है- पूरी तरह गैर-जरूरी और एक भड़काऊ मुद्दे को जानबूझकर हवा देना है. असम में एनआरसी का अनुभव काफी खराब रहा है, देशभर में यह विनाशकारी ही होगा. इस हास्यास्पद विचार को रोकने का समय आ गया है.