आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत का ‘सांस्कृतिक मार्क्सवादियों या सचेत’ लोगों पर हमला प्रगतिवादियों के खिलाफ वैश्विक रूढ़िवाद की नकारात्मक प्रतिक्रिया से जुड़ा है. हालांकि, उनकी चिंता बढ़-चढ़कर है. यूरोप और अमेरिका के विपरीत, भारत में सचेत निर्वाचन क्षेत्र, प्रभाव के मामले में छोटा और हाशिए पर है. वामपंथी विचारधारा भारत के दक्षिणपंथियों के लिए एक स्ट्रॉ मैन (तिनके) की तरह है.