किसी तात्कालिक निर्णय की उम्मीद नहीं की गई थी, लेकिन किसान-केंद्र सरकार की बातचीत शुरू होने की बात सकारात्मक है. यह भी महत्वपूर्ण है कि दोनों ओर से कोई दृश्य या सुनाई देने योग्य तीक्ष्णता नहीं है. खेती में सभी सुधार चुनौतीपूर्ण हैं. इसे प्रोत्साहन और लचीलेपन की जरूरत है, टकराव की जरूरत नहीं है.
विवादों को अलग छोड़कर वैक्सीन वैश्विकता का जश्न मनाना चाहिए
दिन-प्रतिदिन के विवादों में किसी एक के उत्थान की अनिवार्यता पर विचार नहीं किया जाता है, लेकिन कोविड के टीकों का बुफ़े जल्द ही आ जाएगा. वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय सीमाओं को डिसॉल्व कर सहयोग किया. यह आधुनिक चिकित्सा को ट्रिब्यूट होगा. वैक्सीन राष्ट्रवाद पर रोना अब पुरानी बात है. इसके बजाय, हमें वैक्सीन वैश्विकता का जश्न मनाना चाहिए.
झंडे पर राज्यपाल का दो टूक संवैधानिक रूप से सही हैं
नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि ने एनएससीएन (आई-एम) को स्पष्ट रूप से बताकर अच्छा किया है कि भारत में केवल एक राष्ट्रीय ध्वज और संविधान होगा. वह नागा लोगों के बारे में भी सही है जो अंतहीन शांति-प्रक्रिया का निष्कर्ष चाहते हैं. एनएससीएन को राज्य दिवस पर ‘राइटिंग ऑन द वाल’ को देखना चाहिए.