मीडिया और विपक्षी पार्टी के कार्यालयों और संपत्तियों पर हमलों के बारे में त्रिपुरा से दिप्रिंट की रिपोर्ट बहुत परेशान करने वाली है. बिप्लब देब सरकार को समझना चाहिए कि असहमति ही लोकतंत्र का सार है. टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की निंदा करने में भाजपा मुखर रही है. त्रिपुरा में भी ऐसा ही करना चाहिए.
होम50 शब्दों में मतत्रिपुरा में मीडिया और विपक्ष पर हमले बेहद परेशान करने वाले हैं, बिप्लब सरकार को असहमति स्वीकार करनी चाहिए
