नीतीश कुमार सहयोगी भाजपा के साथ अपने सामान्य खेलों में वापस आ गए हैं और 2020 के बिहार चुनावों में पस्त लालू यादव से अपने अभिमान को छोड़ने की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन कुमार के रंग बदलना बीजेपी को डराने के लिए अब तक बहुत अनुमानित हो गया है, और उसने अपनी राजनीतिक पूंजी को घटा दिया है. मतदाता इस तरह की अवसरवादी राजनीति को खारिज कर रहे हैं.
असम के सेवानिवृत्त अफसर का मामला बताता है कि कैसे एनआरसी प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सकता है
सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह जिन्हें फॉरेनर ट्रिब्यूनल में विदेशी घोषित किया गया है, ये एक बार फिर दिखाता है कि इस विवादास्पद प्रक्रिया में कितने पेच है जिसके तहत उनकी पहचान ‘अवैध अप्रवासी’ के तौर पर हुई है. एक सब इंस्पेक्टर की फर्जी रिपोर्ट दिखाती है कि इस प्रक्रिया को कितनी आसानी से तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है.