असम पुलिस द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ग्रामीणों पर की गई फायरिंग चिंताजनक है. यह भाजपा सरकार के तौर-तरीकों और मानवाधिकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाता है. राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग के साथ यह अभियान अपने आप में संदिग्ध है. अशांत अतीत वाले राज्य में यह आग से खेलने जैसा है.