अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के 1267 सैंक्शन समिति के पास जाकर एक प्रस्ताव पारित करने की कोशिश की है जिससे जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर पर चौतरफा प्रतिबंध लगाया जा सके. अमेरिका अपने इस कदम से भारत को यह भी याद दिलाना चाहता है कि कौन उसका शुभचिंतक है. भारत को अमेरिका द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद चीन के गुस्से के लिए भी तैयार रहना चाहिए. जिसने अमेरिका के इस कदम पर नाराज़गी जताई है.
समझौता मामले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ विजय पाने के मौके को गंवाया
अगर समझौता मामले में सीसीटीवी फुटेज जैसे अहम सुराग को कोर्ट मे ढंग कसे पेश किया गया होता तो उसका परिणाम कुछ और आया होता है. भारत ने जिस तरह से इस हमले, जिसमें भारतीय और पाकिस्तानी दोनों ही मारे गए थे, की जांच की है उसे सही तरीके से पेश किया गया होता तो यह पता चल जाता कि आतंक के खिलाफ एक जंग कैसे जीती जाती है.