गृह मंत्री अमित शाह के बेहतरीन प्रयास के बावजूद शाहीन बाग दिल्ली के मतदाताओं को विभाजित नहीं कर सका. अब, शाहीन बाग और अन्य जगहों पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को सोचना चाहिए. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसी भी हालत में सीएए को वापस नहीं लेगी, उन्हें विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए एक नए लक्ष्य के साथ आने की आवश्यकता है.
दिल्ली में आप की जीत बताती है कि मतदाता धर्म, बयानबाजी, प्रतिशोध से ऊपर प्रदर्शन को महत्व देते हैं
दिल्ली में आप की दोबारा जीत भाजपा के वर्चस्व के युग में एक प्रभावशाली उपलब्धि है. हालांकि, आप अपने मूल आदर्शों से हट गई है लेकिन, इसकी जीत से पता चलता है कि यह वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण समय में हुई है. परिणाम सभी दलों के लिए एक चेतावनी है कि मतदाता धर्म, बयानबाजी और प्रतिशोध से ऊपर के प्रदर्शन को महत्व देते हैं.
ब्रांड मोदी बरकरार है, लेकिन बीजेपी के लिए समय है कि वह अपना चमक वापस हासिल करे
दिल्ली का जनादेश भाजपा को उसके आक्रामक राष्ट्रवाद और राजनीति का ध्रुवीकरण करने के फायदे की याद दिलाता है. भाजपा को मतदाताओं का भरोसा फिर से हासिल करने के लिए पार्टी को अपने 2014 के विकास के एजेंडे पर वापस लौटना चाहिए. ब्रांड मोदी बरकरार है, लेकिन भाजपा अपनी चमक खो रही है. पार्टी को अब खुद को रिब्रांड करना होगा.