नई दिल्ली: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सातों सीटो में से पार्टी का सबसे ज़्यादा ज़ोर ईस्ट दिल्ली और नार्थ वेस्ट दिल्ली की लोकसभा सीट पर है. पार्टी ने ईस्ट दिल्ली से पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और नार्थ वेस्ट दिल्ली से गायक हंसराज हंस को मैदान में उतारा है. दोनों ही प्रत्याशी दिल्ली के चुनावी मैदान में नए हैं.
सातों सीटों में से पार्टी के लिए यह दोनों सीटे सबसे कमज़ोर मानी जा रही हैं. इसी को देखते हुए पार्टी ने यहां प्रचार की रणनीति में बदलाव किया है. गंभीर की सीट पर पार्टी ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान दे रही है. इसके चलते यहां कई बड़े नेता प्रचार करने के लिए मैदान में उतर गए हैं. जब तक दिल्ली में मतदान नहीं हो जाता तब तक पार्टी का केंद्रीय स्तर का कोई न कोई नेता यहां आकर रैली करेगा. इसके अलावा गंभीर के साथ क्षेत्र में जाकर जनसंपर्क भी करेगा.
हाल ही में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी रैली कर चुके हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है कि आप आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी अपने एक दौर का चुनाव प्रचार अभियान भी कर चुकी हैं. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. दोनों के मुकाबले प्रचार में भाजपा बहुत पिछड़ चुकी है.
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योगी की रैली मंगलवार को
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को गौतम गंभीर के लिए वोट मांगेंगे. वे क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके अलावा रोड शो भी करेंगे. इसके पहले रविवार को केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज भी गंभीर के लिए प्रचार कर चुकी हैं. आगामी पांच दिनों में कई केंद्रीय स्तर के नेता और फिल्मी सितारे गंभीर के लिए वोट मांगने पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में पहुचेंगे.
कम भीड़ से शाह भी हुए थे नाराज़
नार्थ वेस्ट दिल्ली में शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली की थी. इसमें भीड़ कम जुटी थी. वहीं क्षेत्र में प्रचार अभियान भी दूसरे क्षेत्रों की अपेक्षा सुस्त था. इसके चलते शाह ने स्थानीय नेताओं से नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी. इसके बाद हाईकमान ने पार्टी के पिछड़ी जातियों के बड़े नेताओं को यहां प्रचार की कमान सौंपी है. नई चुनावी रणनीति के चलते वे सभी सभी समुदायों के साथ अलग अलग बैठक करने में जुट गए हैं.
कार्यकर्ताओं की कमी भी आ रही आड़े
सूत्रों के अनुसार दोनों ही सीटों पर सबसे बड़ी दिक्कत कार्यकर्ताओं की कमी आड़े आ रही है. भले ही पार्टी के दोनों ही प्रत्याशी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, लेकिन इनके पास अपने कार्यकर्ताओं का अभाव है. दोनों ही प्रत्याशियों को जिताने और प्रचार का ज़िम्मा स्थानीय दिल्ली भाजपा के नेताओं के पास है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी पर्दे के पीछे इन दोनों के लिए मैदान संभाल रखा है.
इन दिग्गजों का है एक दूसरे से सामना
भारतीय जनता पार्टी ने चांदनी चौक से केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, कांग्रेस से जेपी अग्रवाल और आप से पंकज गुप्ता मैदान में हैं. वहीं उत्तर पूर्व दिल्ली से भाजपा के मनोज तिवारी, आप के दिलीप पांडे और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित से मुकाबला है. पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश सिंह वर्मा के सामने आप के उम्मीदवार बलबीर सिंह जाखड़ और कांग्रेस के महाबल मिश्रा मैदान में हैं.
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पूर्वी दिल्ली से भाजपा के टिकट पर गौतम गंभीर, आप से आतिशी और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली के बीच कड़ा मुकाबला है. नई दिल्ली लोकसभा सीट से मिनाक्षी लेखी, आप के ब्रजेश गोयल और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन के बीच टक्कर है.
उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से भाजपा ने हंसराज हंस पर दांव खेला है. उनके सामने गुग्गन सिंह जो 2017 में भाजपा से आप में शामिल हुए हैं. वहीं कांग्रेस के राजेश लिलोठिया उन्हें चुनौती देंगे. दक्षिणी दिल्ली सीट से भाजपा ने रमेश बिधूड़ी को अपना प्रत्याशी बनाया है. उनके सामने आप के राघव चड्ढा और कांग्रेस के विजेंद्र सिंह उम्मीदवार हैं.
दिल्ली में छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा. 2014 के चुनाव यहां सभी सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.