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Saturday, 16 November, 2024
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क्या आप और कांग्रेस मिलकर भी हरियाणा में भाजपा को हरा पाएंगे?

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस और आप के गठबंधन की अटकलों का जवाब देते हुए रोहतक की एक रैली में कहा कि दिल बहलाने का ख्याल अच्छा है.

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नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 13 मार्च को ट्वीट कर हरियाणा में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के सामने गठबंधन की पेशकश की. उन्होंने लिखा- ‘देश के लोग अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हराना चाहते हैं. अगर हरियाणा में जननायक जनता पार्टी, आप और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीटों पर भाजपा हारेगी. राहुल गांधी जी इस पर विचार करें.’

अरविंद केजरीवाल के ट्वीट के बाद कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्नोई ने तंज कसते हुए जवाब दिया कि ‘थोथा चना बाजे घना.’ इस पर आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद ने हरियाणवी कहावतों का ज़िक्र करते हुए लगातार दो ट्वीट किए. उन्होंने कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में जाने की अफवाहों पर सवाल पूछा और कुलदीप की पार्टी की तुलना चारे से की.

वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस और आप के गठबंधन की अटकलों का जवाब देते हुए रोहतक की एक रैली में कहा कि दिल बहलाने का खयाल अच्छा है. इस ट्विटर वॉर को लेकर कुछ हरियाणवी लोगों का मत है कि केजरीवाल किसी ऐक्टिविस्ट की भांति व्यवहार कर रहे हैं और नवीन किसी छात्र नेता की तरह.

ट्विटर पर कमेंट्स के चलते ही कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को जींद उपचुनाव के समय ट्विटर मंत्री भी कहा गया था. सुरजेवाला को जींद उपचुनाव के समय हार का सामना करना पड़ा और वह इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे.

ट्विटर के इतर ज़मीनी माहौल

2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत 17.21 था. वहीं, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 41.77, बसपा का 4.9 और चौटाला परिवार के इनेलो का 15.78 था. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बढ़त हासिल करते हुए अपना वोट प्रतिशत डबल (34.8) कर लिया. कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटकर 22.9 हो गया तो इनेलो का 24.4 हुआ. वहीं, बसपा 4.6% पर सिमट गई. आम आदमी पार्टी को 4.2% वोट हासिल हुए.

अगर 2014 के वोट प्रतिशत को देखें तो कांग्रेस और आप मिलकर भी भाजपा के वोट बैंक को कम करने में सक्षम प्रतीत नहीं होती हैं. वहीं भाजपा की जीती 7 सीटों पर पड़े वोट का आकलन करने के बाद पता चलता है कि कांग्रेस और आप के सम्मिलित वोट भी भाजपा से कम हैं.

हालांकि दिल्ली में 2014 में छह सीटों पर आप और कांग्रेस के वोट मिलकर भाजपा से ज़्यादा या लगभग बराबर हो जा रहे हैं. लेकिन दिल्ली में तो कांग्रेस ने आप से गठबंधन करने से फिलहाल इनकार कर रखा है. हरियाणा कांग्रेस के रिसर्च कॉरडिनेटर और पत्रकार नरेश मग्गू ने दिप्रिंट को बताया कि हरियाणा में कांग्रेस अपने दम पर सरकार बनाती रही है और इस बार भी अकेले ही 10 सीटों पर लड़ेगी. आम आदमी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेगी.

हरियाणा की सियासी हवा पर एक नज़र

हरियाणा और दिल्ली में 12 मई को वोटिंग होगी. ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए हरियाणा और दिल्ली दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए केजरीवाल ने पिछले साल से ही तैयारियां शुरू कर दी थी.

केजरीवाल ने साल 2018 में बहादुरगढ़ से लेकर सिवानी (भिवानी) तक रोड शो किया था. सिवानी केजरीवाल का गृहनगर है. इसी साल केजरीवाल झज्जर और भिवानी के दो स्कूलों का जायजा लेने भी पहुंचे थे. गौरतलब है कि केजरीवाल दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों के ढांचे को बदलने के दावे का इस्तेमाल अपनी चुनावी रैलियों में कर रहे हैं. हरियाणा में केजरीवाल दिल्ली की तर्ज पर ‘नए हरियाणा’ का नारा बुलंद करते दिख रहे हैं.

वैसे आम आदमी पार्टी के दिल्ली के 8 विधायक हरियाणा से ही हैं. आदर्श नगर के विधायक पवन शर्मा हिसार से, रिठाला के विधायक महेंद्र गोयल कैथल से, मंगोलपुरी की विधायक राखी बिरला झज्जर से, दिल्ली कैंट के विधायक सुरेंद्र सिंह भी झज्जर से, मुंडका के विधायक सुखबीर दलाल भी झज्जर से, पालम की विधायक भावना गौड़ रेवाड़ी से, राजेंद्र नगर के विधायक विजेंद्र गर्ग भी रेवाड़ी से और सुल्तानपुर माजरा के विधायक सोनीपत से हैं. खुद केजरीवाल भिवानी जिले के सिवानी के हैं.

जनजानयक जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी दीपकमल सहारण ने दिप्रिंट को बताया कि ‘आम आदमी पार्टी और जन नायक पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत अभी जारी है. लेकिन जन नायक पार्टी को कांग्रेस के साथ गठबंधन किसी भी शर्त पर मंजूर नहीं.’

वहीं, कांग्रेस के नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सुरजेवाला खेमे के बीच बंटे हुए दिख रहे हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा 22 चरणों की एक रैली निकाल रहे हैं. हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय नरेश यादव दिप्रिंट को बताते हैं कि कांग्रेस में श्रुति चौधरी अलग रैलियां कर रही हैं, अशोक तंवर का अलग खेमा बन गया है. किसी को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी दिख रही है तो कोई खुद को सीएम पद का दावेदार बताते हुए रैलियां कर रहा है.

हरियाणा में आप पार्टी के प्रभारी नवीन जयहिंद ने दिप्रिंट से कहा कि आप पार्टी हर शहीद के परिवारवालों को एक करोड़ रुपये देगी. वहीं दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा के स्कूलों और अस्पतालों को बनाया जाएगा. वहीं किसानों से 2600 रूपये प्रति क्लिंटल गेंहू खरीदने की भी योजना है.

नवीन जयहिंद ने कहा कि कांग्रेस हमारे साथ गठबंधन को तैयार नही है लेकिन जेजेपी और आप पार्टी में गठबंधन को लेकर बात चल रही है.

दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी जननायक जनता पार्टी कड़ी टक्कर दे रही है. पर इस साल फरवरी में सेमीफाइनल कहे जा रहे जींद विधानसभा उपचुनाव में जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय दूसरे नंबर पर रहे.

क्या मुद्दे उठा रही हैं पार्टियां?

जननायक जनता पार्टी ने महिलाओं की सुरक्षा से लेकर बढ़ती बेरोज़गारी पर बोलना शुरू किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी किसानों, स्कूलों और अस्पतालों की बात करती नज़र आ रही है. गौरतलब है कि भाजपा के कार्यकाल में किसान आंदोलनों ने ज़ोर पकड़ा है. रेवाड़ी-बावल के मोहनपुर की एक दलित नाबालिग लड़की के गायब होने पर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाए जाने की वजह से खट्टर सरकार को बावल खाप ने काले झंडे दिखाए थे. बावल समेत कई खापों ने मिलकर सीएम मनोहर लाल खट्टर की रैलियों का भी बहिष्कार करने का ऐलान भी किया था.

वहीं, 2018 में हुए रेवाड़ी गैंग रेप को लेकर हरियाणा में आक्रोश फैला. विपक्ष ने मौजूदा सरकार पर दोषियों को पकड़ने के मामले में लापरवाही बरतने जैसे आरोप लगाए. हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों को लेकर विपक्षी पार्टियां खट्टर सरकार को निशाना बनाएंगी. जननायक पार्टी से जुड़ी नैना चौटाला महिलाओं को राजनीतिक रूप से शिक्षित करने के लिए ‘महिला रैलियां’ कर रही हैं. जहां स्टेज के संचलान से लेकर मंच पर भी ज़्यादातर महिलाएं ही होती हैं.

2016 में हुए जाट आंदोलन हिंसा का भी इस लोकसभा चुनावों में मुख्य रोल रहेगा. आरोप लग रहे हैं कि जाट हिंसा के बहाने हरियाणा में अलगाव की राजनीति कर जाट बनाम नॉन-जाट की राजनीति को हवा दी जा रही है. खट्टर सरकार पर जाट और गैर जाट की राजनीति के आरोप लग रहे हैं. जींद उपचुनाव में पंजाबी उम्मीदवार को मैदान में उतारकर भाजपा ने अपनी स्थिति साफ कर दी थी.

वहीं, नौकरियों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे के पर भाजपा हरियाणा को लेकर भरपूर आत्मविश्वास में है. इस बार 10 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतार रही है.

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