नई दिल्ली: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच चल रहे तीन से चार सीटों के बंटवारे के फार्मूले को मंगलवार को आप ने ख़ारिज कर दिया. पार्टी का कहना है कि सीटों का बंटवारा तो तब होगा जब कांग्रेस कुछ बोलेगी. वे इस मामले में कुछ निर्णय ही नहीं ले रहे हैं. कांग्रेस ने अभीतक हां नहीं की है. दिल्ली राज्य में भले ही गठबंधन अधर में लटका हो, लेकिन देश आम आदमी पार्टी महागठबंधन के साथ है. इसका मतलब ये निकाला जा सकता है कि अगर चुनाव से पहले गठबंधन नहीं भी होता तो भी चुनाव के बाद के गठबंधन पर आप की अभी से ‘हां‘ है.
पीएम मोदी हैं सबसे बड़ा मुद्दा
आप का कहना है कि चुनाव से पूर्व होने वाले गठबंधन से वह अब आगे बढ़ गई है. पार्टी अपने कैंपेन पर फ़ोकस कर रही है. उनका कैंपेन चौथे फेज़ में पहुंच गया है. पार्टी के मुताबिक दिल्ली के लिहाज़ से इस चुनाव में दो बड़े मुद्दे हैं. पहला मुद्दा पीएम नरेंद्र मोदी, जिन्हें लेकर मत बंटा हुआ है. या तो उनके घोर समर्थक हैं या धुर विरोधी है. चुनाव इसी के बीच झूल रहा है कि मोदी से जिताना है और मोदी को हराना है.
बालाकोट पर भारी पड़ रहा पूर्ण राज्य
वहीं, चुनाव के दूसरे मुद्दे के तहत आप इसे पूर्ण राज्य की मांग की ओर मोड़ना चाहती है. पार्टी का दावा है कि वो पिछले कुछ दिनों में ऐसा करने में सफल रही है. पाकिस्तान के बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक के बाद के ‘राष्ट्रवादी‘ माहौल का हवाला देते हुए पार्टी का कहना है कि ये ज़मीन पर काम नहीं कर रहा और इसलिए पीएम मोदी की पार्टी बीजेपी को ‘मैं भी चौकीदार कैंपेन‘ चलाना पड़ा. पार्टी का कहना है कि ज़मीन पर ‘चौकीदार चोर है‘ का नारा बुलंद है. इसी तर्ज़ पर दिल्ली के पूर्ण राज्य की मांग भी ज़ोर पकड़ रही है.
ज़मीन पर होंगे पार्टी के डेढ़ लाख़ कार्यकर्ता
पार्टी का कैंपेन चौथे फ़ेज़ में पहुंच चुका है. इसके तहत वॉर रूम बनाया जा रहा है. कैंपेन में कुल डेढ़ लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे. इनमें ज़्यादातर ज़मीन पर काम कर रहे है. इस बीच अगर कांग्रेस से गठबंधन होता है तो पार्टी देखेगी. यह फैसला बाद में किया जाएगा कि आगामी रणनीति में कैसा बदलाव करना है. पार्टी के लोकसभा के उम्मीदवारों में कोई उहापोह नहीं है.सभी अपनी मेहनत से बीजेपी को परास्त करने में लगे हुए है.
कांग्रेस के लिलोठिया ने कहा गठबंधन को नकारा
वहीं आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर बोलते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के राजेश लिलोठिया ने कहा कि आप ख़ुद भ्रमित है. मीडिया के माध्यमों से लोगों को ओर भ्रमित कर रही है. वे आगे कहते कि ‘कांग्रेस में कोई भ्रम नहीं है और हम कोई गठबंधन नहीं चाहते.’
गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के बीच जब से गठबंधन की बात शुरू हुई है तब से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. आप तो पूरी तरह से गठबंधन के पक्ष में है क्योंकि ये उसके अस्तित्व की लड़ाई है. पार्टी इस बात का हवाला देती है कि 2015 में उसकी सरकार बनने के बाद से नरेंद्र मोदी की सरकार ने पार्टी को दिल्ली से उजाड़ने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. इसकी वजह से पार्टी को लगता है कि अगर बीजेपी फिर से सरकार बनाने में सफल होती है तो दिल्ली सरकार का तख्तापलट कर देगी.