नई दिल्लीः पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म गंभीर विवादों में घिरती नजर आ रही है. कांग्रेस, वामपंथी दल, एमएनएस, डीएमके सहित पार्टियों ने इसका विरोध किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर 8 अप्रैल को सुनवाई करेगा. मोदी की बायोपिक 5 अप्रैल को रिलीज होनी थी, जिसे एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया है.
न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर व न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने अमन पंवार की याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी. अमन पंवार कांग्रेस के प्रवक्ता है. उन्होंने दलील दी है कि चुनाव से पहले मोदी की बायोपिक रिलीज चुनावी मुकाबले को प्रभावित करेगी.
इससे पहले मामला चुनाव आयोग पहुंचा था. आयोग ने बीजेपी से इस पर जवाब मांगा था. पार्टी ने अपने जवाब में कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का है न कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का. पार्टी ने फिल्म के रिलीज का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी का इस फिल्म से कुछ लेना देना नहीं है.
पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी फिल्म के रिलीज को एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया है. इसे 5 अप्रैल को रिलीज होना था, लेकिन विवाद के चलते अब यह एक हफ्ते बाद रिलीज होगी. कांग्रेस पार्टी, वामपंथी व अन्य दलों ने इसके रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी. राजनीतिक दलों का कहना है कि चुनाव के समय इसे रिलीज करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.
गौरतलब है कि हाल ही में बाम्बे और दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी, और इसके साथ संभावना थी कि फिल्म 5 अप्रैल को ही पर्दे पर आ जाएगी. लेकिन अब इसकी रिलीज एक हफ्ते की लिए टल गई है. सूत्रों के मुताबिक फिल्म मेकर्स इसे 11 अप्रैल को रिलीज की तैयारी में लगे हैं.
इस फिल्म में अभिनेता विवेक ओबराय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका में हैं. फिल्म के निर्देशक ओमंग कुमार हैं.
फिल्म के रिलीज का कांग्रेस, डीएमके और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने 2019 लोकसभा नतीजों से पहले कड़ा विरोध जताया था. अब मामला चुनाव आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है.