नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह से देश ने जनादेश दिया है उससे साफ यह पता चलता है कि देश ने उनपर लगाए सारे आरोपों को सिरे से खारिज़ कर दिया है. लोकसभा चुनाव के नतीजे दिखा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए शुरू किया गया के सारे अभियान को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है. जिसमें अभियान ‘चौकीदार चोर है’ पूरी तरह से विफल रहा. यही नहीं, उनकी प्रस्तावित न्यूनतम आय योजना (न्याय) भी मतदाताओं को लुभाने में नाकाम रही, क्योंकि गुरुवार को मतगणना में जो रुझान देखने को मिले, उसमें भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिला है.
एकबार फिर जनता ने कांग्रेस को नकारा
लिहाजा, देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व पर एकबार फिर सवालिया निशान लग गया है.
मतगणना के रुझानों के अनुसार, कांग्रेस का प्रदर्शन एक बार फिर खराब रहा है, क्योंकि पार्टी 54 लोकसभा सीटों पर आगे चल रही है, जोकि पिछले लोकसभा चुनाव में मिली सीटों से महज 10 अधिक है.
लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के मुखिया 49 वर्षीय राहुल गांधी के नेतृत्व पर जरूर गंभीर सवाल उठेंगे. कांग्रेस में नई जान फूंकने के मकसद से राहुल गांधी को 2017 में पार्टी की कमान सौंपी गई थी.
कांग्रेस नहीं संभाल पाई राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बढ़त
बता दें कि राहुल को कमान मिलने के बाद पिछले साल के आखिर में हुए विधानसभा चुनावों में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा था. मगर, राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में अमेठी लोकसभा क्षेत्र से खुद चुनाव हारने की कगार पर आ गए हैं. अमेठी उनके परिवार का गढ़ रहा है, मगर वहां उनको भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ रहा है.
चुनाव के परिणाम से जाहिर होता है कि उनके चुनावी अभियान और रणनीति बिल्कुल विफल रहे हैं.
राफेल मामले में राहुल की घेरने की कोशिश रही नाकाम
गांधी ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को इसके केंद्र में रखकर ‘चौकीदार चोर है’ का अभियान चलाया है. हालांकि सरकार ने लगातार इस आरोप का खंडन करते हुए इसे बकवास बताया.
अब भाजपा को पिछले चुनाव से भी ज्यादा सीटें इस चुनाव में मिलने जा रही हैं.
राहुल गांधी ने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आएगी तो वह एक न्यूनतम आय योजना लागू करेगी, जिसके तहत देश के अत्यंत गरीब लोगों को 72,000 रुपये सालाना आय सुनिश्चित की जाएगी. लेकिन यह वादा भी मतदाताओं को लुभाने में विफल रहा.
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)