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Saturday, 21 December, 2024
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पीएम मोदी का दावा, 2019 में और ज्यादा बहुमत से आएगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिपब्लिक भारत न्यूज चैनल को दिए 2019 चुनाव के अपने पहले हिंदी इंटरव्यू में विश्वास व्यक्त किया.

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पार्टी और गठबंधन को 2019 लोकसभा चुनाव में और भी अधिक सीटें मिलेंगी और जनता का समर्थन मिलेगा. उनका कहना था कि देश की जनता ने देश में 30 साल की अस्थिरता की राजनीति देखी है जब किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और बहुमत वाली सरकार के पांच साल भी देखे.

प्रधानमंत्री ने रिपब्लिक भारत न्यूज चैनल को दिए अपने पहले हिंदी इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘देश गठबंधन के खिलाफ नहीं है पर स्थिर सरकार चाहता है. देश के 30-40 साल के लोग और उससे बड़ी उम्र के वोटर भी समझ गए हैं कि स्थिर सरकार कैसी होती है.’

‘2014 में लोग सोचते थे कि ये मोदी है कौन पर अब वे जान गए हैं कि देश की सुरक्षा के लिए मोदी ने क्या किया है, गरीबों के लिए मोदी ने क्या किया है, नीति और नीयत क्या है. मोदी काम किस प्रकार से कर रहे हैं- जनता देख रही है. भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ और पहले से ज़्यादा ताकत से आएगी और एनडीए भी ज्यादा ताकत के साथ उभरेगी और जिन क्षेत्रों में भाजपा के पास ताकत नहीं रही या कम रही वहां भी जनता हमें ताकत देगी.’

प्रधानमंत्री ने साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद उनके द्वारा ए-सैट के सफल परीक्षण की घोषणा करने पर विपक्ष की प्रतिक्रिया को अज्ञानता बताया. उनका तर्क था कि ज़रूरी काम तब किये जाते हैं जब उन्हें किया जाना चाहिए. विपक्ष के इस उपल्ब्धि पर सवाल उठाए जाने पर उनका कहना था कि जनता सभी विपक्षी नेताओं की अज्ञानता देख ले तो ऐसे लोगों को कभी वोट न दे जिनके पास ‘प्राइमरी नॉलेज भी नहीं है.’ इस घोषणा की टाइमिंग पर सवाल को भी उन्होंने नकारते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संज्ञान में रख कर ये कार्यक्रम किए जाते हैं और इसका समय पहले से तय नहीं होता था.

पुलवामा आतंकी हमले के बाद उनके कार्यक्रम पर उठे सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था और ऐसे मौकों पर संयम से काम लेना ज़रूरी होता है, वो इस हमले की भनक रैली में नहीं देना चाहते थे. उनका कहना था कि 2014 के चुनाव में भी बिहार की उनकी रैली में बम विस्फोट हुआ था फिर भी रैली में धैर्य से काम लिया था. इस तरह मुझ पर सवाल उठाने वाले नासमझ हैं.

पुलवामा हमले के 14 दिनों के अंदर बालाकोट को अंजाम दिया जाना कैसे संभव हुआ. इस पर मोदी ने कहा कि ये योजना बनाना प्रधानमंत्री के बस की बात नहीं है – इसके लिए कई सूत्रों से सूचना एकत्र की जाती है. मेरा बस कहना था कि ‘देश की जनता की आशा अपेक्षा के अमुसार कार्रवाई हो, एनफ इज एनफ.’ सेना को खुली छूट दी गई. स्वाभाविक है देश के जवानों की ज़िंदगियां दांव पर लगी थीं तो मेरा पूरा ध्यान इस पर था. ‘मैं पूरी तरह इंवॉल्व था.’

पुलवामा को विपक्ष द्वारा इमरान खान और मोदी के बीच की मैच फिक्सिंग बताने पर और प्रधान मंत्री पर निजी हमले पर उन्होंने कहा, ‘देश का कोई व्यक्ति पीएम की देश भक्ति पर शक नहीं कर सकता. मेरा जीवन बोलता है.’ पर जनता को सोचना चाहिए कि ऐसी गिरी हुई राजनीति करने वालों को जनता को समर्थन देना चाहिए या नहीं. उनका चैलेंज था कि विपक्ष के आरोपों में अगर कोई भी सच्चाई है तो उन्हें इसे चुनाव में ले जाना चाहिए.

विपक्ष के आरोप पर की वो राष्ट्रीय मुद्दों को छोड़ राष्ट्रवाद और सुरक्षा की बात कर अपनी असफलता छुपा रहे हैं पर प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को दिए अपने साक्षात्कार में कहा, ‘विपक्ष में कल्पना दारिद्र्य है.’ जितने सालों में उन्होंने 25 करोड़ घर बनाए मैंने पांच साल में सवा करोड़ घर बना दिये. जितने कनेक्शन गैस 5 साल में हुए उतने पहले के सभी सालों में नहीं हुए. जितने बैंक खाते खुले पहले कभी नहीं.

जब मैं रोज़गार और विकास की बात करता हूं तो वे दूसरे मुद्दों पर चले जाते हैं. पकिस्तान ने हर बार कहा कि वह एक्शन लेंगे पर कभी लिया नहीं. अगर वह वाकई आतंक के खात्मे के लिए गंभीर हैं तो भारत से भागे अपराधियों व जिनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हैं, उन्हें वापस क्यों नहीं करते. 26/11 के दोषियों को हमारे हवाले क्यों नहीं करते, जैश जिसने साफ कहा कि हमने हमला किया, उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते. हमारी लड़ाई आतंक के खिलाफ है, पाकिस्तान की जनता के नहीं.

प्रधानमंत्री ने तीखे तेवरों के साथ अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष को आड़े हाथों लिया.

चौकीदार कैंपेन पर पूछे गये सवाल पर कहा कि चौकीदार शब्द मैंने खुद के लिए 2013-14 के कैंपेन में बोले थे. उसमें चौकीदार कोई व्यवस्था नहीं है बल्कि ये एक Spirit है. जब इस पर उन्होंने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, तब मैंने देश से कहा कि जिन बातों के लिए मुझे गालियां दी जा रही हैं, वो चौकीदार मैं हूं.

पहले अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए हमने कानून बनाएं. देश का धन लेकर भागने वालों की संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है. विजय माल्या पर बैंक का 9 हजार करोड़ रुपये कर्ज था. लेकिन सरकार ने करीब 14 हजार करोड़ रुपये की उसकी संपत्ति जब्त की है.

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