नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की. उन्होंने एक समारोह में कहा, ‘केंद्रीय चुनाव समिति ने तय कर लिया है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. इस नाम की मैं घोषणा कर सकता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इंदौर, जबलपुर अथवा भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था. अंत में तय हुआ है कि वह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे.’ भोपाल से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते दिखाई दिए. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जहां से पार्टी तय करेगी वहां से चुनाव लड़ूंगा. मैं हर चीज में खुश हूं.
सभी सीटों पर उम्मीदवार तय, जल्द जारी होगी सूची
साथ ही कमलनाथ ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय हो गये हैं. जल्द ही सूची दिल्ली से जारी की जाने की तैयारी है. सीएम ने यह भी कहा कि लिस्ट मेरी जेब में है केवल जारी करने की देरी है. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय सिंह को कठिन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, लिहाजा कमलनाथ द्वारा कही गई बात पर केंद्रीय चुनाव समिति ने भी मुहर लगा दी है. भोपाल वह संसदीय क्षेत्र है, जहां लंबे अरसे से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है. कमलनाथ से जब पूछा गया कि भोपाल से चुनाव लड़ाए जाने के फैसले से दिग्विजय सिंह खुश हैं या नहीं? कमलनाथ ने कहा, ‘यह तो उन्हीं से पूछिए, मगर मैं तो खुश हूं.’
सिंह ने राज्य विधानसभा का अंतिम चुनाव वर्ष 2003 में लड़ा था. उस चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्होंने 10 साल तक कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. इसी के चलते उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. वह वर्तमान में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं. कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद राज्य में सत्ता वापसी हुई है और अब वह भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.
भोपाल संसदीय क्षेत्र के अब तक के चुनाव परिणामों पर नजर डालने पर पता चलता है कि यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है. भोपाल में वर्ष 1989 के बाद से हुए सभी आठ चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली है. यहां से सुशील चंद्र वर्मा, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और आलोक संजर चुने जा चुके हैं. अभी इस सीट से भाजपा के आलोक संजर सांसद हैं. पूर्व में यहां से कांग्रेस के छह सांसद चुने गए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा प्रमुख रहे हैं. इसी तरह वर्ष 1967 में जनसंघ और वर्ष 1977 के चुनाव में लोकदल से आरिफ बेग यहां से निर्वाचित हुए थे.
बता दें, कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय सिंह को मुश्किल सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, लिहाजा कमलनाथ द्वारा कही गई बात पर केंद्रीय चुनाव अभियान समिति ने भी मुहर लगा दी है. भोपाल वह संसदीय क्षेत्र है जहां लंबे अरसे से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है. राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से 26 पर भाजपा का कब्जा है. तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. छिंदवाड़ा से कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के सांसद हैं.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)