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Saturday, 21 December, 2024
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लोकसभा चुनाव 2019 : कश्मीर में हरे रंग में रंगी भाजपा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भारतीय जनता पार्टी के कईं अन्य नेताओं को भले ही हरे रंग से परहेज़ हो पर कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों पर मतदाताओं को रिझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरे रंग का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं.

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जम्मू : कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों को केसरिया रंग की जगह हरा रंग भा रहा है. पार्टी प्रत्याशी हरे रंग के पोस्टर व झंडों की मदद से अपना प्रचार कर रहे हैं. यही नहीं चुनावी सभाओं में प्रचार के दौरान पार्टी प्रत्याशी व पार्टी का प्रचार कर रहे कार्यकर्त्ता जेब से हरे रंग का रूमाल भी निकाल कर लहरा रहे हैं. यानी कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के भीतर फिलहाल के लिए सब ‘हरा’ ही ‘हरा’ है.

होर्डिंग से लेकर अखबारी विज्ञापन तक सब हरे

कश्मीर घाटी की सड़कों के किनारे लगे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए होर्डिंग से लेकर पोस्टर सब पूरी तरह से हरे रंग में हैं. इन होर्डिंग में चुनाव लड़ रहे पार्टी उम्मीदवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र है और कहीं भी केसरिया रंग नही है. इनमें सिर्फ हरे और सफेद रंग का ही इस्तेमाल किया गया है.

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा स्थानीय अखबारों में भी जो विज्ञापन दिए जा रहे हैं उनमें भी हरे रंग की ही प्रमुखता है. हालांकि हरे रंग को प्रमुखता से प्रयोग करने की बात सामने आने के बाद कुछ-एक ताज़ा विज्ञापनों में अब केसरिया रंग की एक हल्की सी पट्टी कहीं-कहीं दिखाई देने लगी है. मगर यह केसरिया पट्टी सिर्फ अखबारी विज्ञापनों में ही डाली गई है. पार्टी पोस्टर, बैनर और होर्डिंग आदि में अभी भी हरा रंग ही प्रमुखता से दिखाई दे रहा है.

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फोटो साभार : मनु श्रीवत्स

 

 


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भारतीय जनता पार्टी की कश्मीर इकाई के नेता और प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर का कहना है कि पार्टी के झंडे में केसरी रंग के साथ-साथ हरा रंग भी है. उनका कहना है कि हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है और पार्टी की कोशिश है कि कश्मीर में अमन व खुशहाली स्थापित हो.

सोशल मीडिया में लोग दे रहे प्रतिक्रियाएं

कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के बदलते रंग व मिज़ाज को देखते हुए लोग सोशल मीडिया पर जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कोई लिख रहा है कि कश्मीर में ‘भारतीय जनता पार्टी अपना ‘रंग’ बदल रही है’ तो कोई लिख रहा है कि पार्टी केसरी से हरी हो गई. एक अन्य ने लिखा है कि ‘आखिर भाजपा भी कश्मीर के रंग में रंग ही गई’.

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है कि ‘भाजपा का केसर कश्मीर पहुंचने के साथ हरा हो गया. उन्होंने सवाल किया है कि कश्मीर में लोगों को भारतीय जनता पार्टी अपना असली रंग क्यों नही दिखाती’. पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने भी ट्वीट कर कहा है कि ‘चुनावी रंग में देखो कैसे केसरिया रंग हरे में बदल गया है,यह कहीं पीडीपी का असर तो नही’.

जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार बशीर मंज़र का कहना है कि कश्मीर के मिज़ाज को देखते हुए यह भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है कि उसे भी यहां ‘हरा’ दिखना ही पड़ेगा.

कश्मीर में हरे रंग का खास महत्व

दरअसल प्रतीकों के सहारे होने वाली कश्मीर की राजनीति में हरे रंग का अपना विशेष महत्व रहा है और हर किसी पार्टी या राजनेता ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस रंग का समय-समय पर इस्तेमाल किया है.

कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाने वाले प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेस से लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी तक सबने कभी न कभी हरे रंग का इस्तेमाल किया है.

प्रमुख दल नेशनल कांफ्रेस के झंडे का रंग लाल है और पोस्टर सहित तमाम प्रचार सामग्री भी लाल रंग में ही तैयार की जाती है, पर नेशनल कांफ्रेस भी वक्त आने पर हरे रंग का इस्तेमाल करना नही छोड़ती.

नेशनल कांफ्रेस के संस्थापक और कश्मीर के ताकतवर नेता माने जाने वाले स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला जब भी लोगों के बीच जाते थे तो अपनी जेब से हरा रूमाल जरूर लहराया करते थे. उनका यह सांकेतिक अंदाज़ उन्हें हर चुनाव में फायदा पहुंचाता.


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शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के करीबी साथी रहे मिर्ज़ा अफज़ल बेग चुनाव प्रचार में हरे रंग के रूमाल में लिपटा पाकिस्तानी नमक का एक टुकड़ा रखा करते थे और उसे दिखा कर मतदाताओं से वोट मांगा करते थे. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और मिर्ज़ा अफज़ल बेग के बारे में यह भी मशहूर था कि दोनों कईं बार हरे रंग के कपड़े में लिपटे पवित्र कुरान को भी अपने साथ रखते थे और उसे लोगों को दिखाते व कसमें उठवाया करते थे.

कश्मीर की दूसरी प्रमुख राजनीतिक पार्टी – पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की पहचान ही हरे रंग के साथ जुड़ी हुई है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के झंडे से लेकर हर प्रतीक का रंग हरा ही है. यही नहीं पार्टी मतदाताओं से वोट मांगते समय पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती चुनावी सभाओं में अक्सर हरे रंग के कपड़े ही पहनती हैं.

कश्मीर में भाजपा की बढ़ी है सक्रियता

कुछ साल पहले तक भारतीय जनता पार्टी की कश्मीर में स्वीकार्यता न के बराबर रही है. एक समय ऐसा भी था जब कश्मीर में पार्टी को चुनाव में उतारने के लिए उम्मीदवार तक नही मिलते थे. मगर 2014 में दिल्ली में मोदी सरकार बनने और जम्मू कश्मीर में पहली बार सत्ता में आने के बाद में पार्टी ने कश्मीर में अपनी सक्रियता बढ़ाई है. कईं लोग इस दौरान पार्टी में शामिल भी हुए हैं. हाल ही में संपन्न हुए निकाय व चुनाव में भी पार्टी कश्मीर में काफी सक्रिय रही.

इसी से उत्साहित होकर भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि कश्मीर में उपस्थिति बढ़ाई जाए और आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर अपनी जीत दर्ज करवाई जाए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने कुछ समय से पहाड़ी भाषी और गुज्जर बहुल सीटों पर अपनी गतिविधियां तेज़ की हुई हैं.

कश्मीर में बढ़ती सक्रियता को देखकर ही भारतीय जनता पार्टी कश्मीर में अपने चेहरा बदल रही है और स्थानीय सांचे में अपने को ढाल रही है. कश्मीर की राजनीति और ज़मीनी हकीकत को देखते हुए ही भारतीय जनता पार्टी को हरे रंग को अपनाने में भी कोई आपत्ति नही है.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार दिनेश मल्होत्रा कहते हैं कि इसे भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी कहें या कुछ ओर,मगर कश्मीर में पार्टी को भी थोड़ा-बहुत ‘हरा’ होना ही पड़ेगा और कश्मीर के अनुसार बदलना पड़ेगा.

कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों पर लड़ रही भाजपा

यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं.

श्रीनगर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी टिकट पर खालिद जंहागीर चुनाव मैदान में हैं. पत्रकारिता से राजनीति में आए खालिद का मुकाबला नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के साथ है. अनंतनाग लोकसभा सीट से सोफी यूसुफ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं. इसी सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद भी अनंतनाग से ही चुनाव लड़ रहे हैं.

जबकि बारामूला लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर मोहम्मद मकबूल वार चुनाव लड़ रहे हैं. आए दिन अपने विवादास्पद ब्यानों से चर्चा में रहने वाले नेशनल कांफ्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद अकबर लोन भी बारामूला से ही चुनाव मैदान में हैं.

(लेखक जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार हैं.)

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