नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में एक और आम चुनाव होने जा रहा है. इसे जीतने के लिए सब अपनी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं. इसी के तहत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तीन दिन की ‘गंगा यात्रा’ की शुरुआत है.
प्रियंका गांधी ने इसकी शुरुआत त्रिवेणी संगम से की. उनकी ये ‘गंगा यात्रा’ तीन दिनों तक चलेगी. ये यात्रा प्रयागराज के छटांग से शुरू होकर वराणसी के अस्सी घाट पर समाप्त होगी. ये यात्रा अपने आप में अनोखी है क्योंकि किसी नेता ने अपने चुनाव अभियान के तहत नदी को प्रचार का रास्ता नहीं बनाया.
Priyanka Gandhi Vadra at Triveni Sangam, to start 3-day long 'Ganga-yatra' from Chhatnag in Prayagraj to Assi Ghat in Varanasi, today. pic.twitter.com/A6gjtbod33
— ANI UP (@ANINewsUP) March 18, 2019
हालांकि, प्रियंका के इस कदम को अदूरदर्शी भी बताया जा रहा है. दरअसल, उनकी ये यात्रा उस समय होने वाली है जब यूपी समेत पूरे देश होली के जश्न में डूबा होगा. ऐसे में लोगों तक पहुंचने के जिस उद्देश्य से ये यात्रा की जा रही है उस उद्देश्य के सफल होने की संभावना को लेकर आशंका जताई जा रही है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. सीटों के लिहाज़ से ये देश का सबसे बड़ा राज्य है. ऐसे में हर पार्टी के लिए यूपी सबसे अहम है. वहीं, कांग्रेस की हालत इस राज्य में लंबे समय से खस्ता रही है. ऐसे में पार्टी ने प्रियंका को यहां ट्रंप कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया है.
इस कदम के तहत प्रियंका को पूर्वी यूपी में पार्टी का प्रभारी और महासचिव बनाया गया है. उनसे पार्टी को बहुत उम्मीदें हैं. वहीं, उनके अलावा कांग्रेस ने ज़्योतिरादित्य सिंधिया को भी राज्य में ताकत लगाने के लिए झोंक दिया है. महागठबंधन की ताकत से दूर कांग्रेस के लिए इस बेहद अहम राज्य में प्रियंका की ये गंगा यात्रा क्या कमाल कर पाती है, सबकी नज़र इस पर बनी हुई है.
आपको बता दें कि पिछले चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने गंगा को अपने प्रचार के केंद्र में रखा था. उनके एक प्रचार अभियान में गंगा का प्रमुखता से इस्तेमाल किया गया था. इस प्राचर के बोल थे ‘न मैं आया, न मुझे भेजा गया, मुझे मां गंगा ने बुलाया है’. पार्टी ने गंगा की सफाई को 2014 के चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था.
गंगा का हाल अभी भी ढाक के तीन पात सा है. इसका मतलब ‘सदा एक सा रहना’ से है. यानी गंगा का हाल वही है जो पिछली सरकार के समय था. इसमें कोई व्यापक बदलाव नहीं हुआ है.