scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावबिहार: आख़िरकार महागठबंधन में बनी सहमति, पढ़ें- पहले फेज़ के उम्मीदवारों के नाम

बिहार: आख़िरकार महागठबंधन में बनी सहमति, पढ़ें- पहले फेज़ के उम्मीदवारों के नाम

बिहार में महागठबंधन के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार था. तनाव सीटों की वजह से उपजा था. आरजेडी चाहती थी कि कांग्रेस पहले से तय 11 की जगह आठ सीटों पर लड़े.

Text Size:

पटना: लंबे समय से महागठबंधन में चली आ रही खींचतान पर विराम लग गया है. आख़िरकार पहले फेज़ के लिए महागठबंधन के तहत चार उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई. इस घोषणा में सबसे बड़ा नाम राज्य के पूर्व सीएम और दलित नेता जीतन राम मांझी का है. मांझी बुद्ध को ज्ञान देने वाली नगरी गया से उम्मीदवार होंगे.

राज्य में महागठबंधन से जुड़ी इन सीटों के एलान से पहले लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि इसे औपचारिक तौर पर नए महागठबंधन की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस माना जाए. उन्होंने लालू की कमी खलने की भी बात कही. चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी सिद्ध किए जाने के बाद लालू सज़ा के दौरान अपना इलाज करवा रहे हैं. हालांकि, गठबंधन से टिकट बंटवारे तक पार्टी उनसे संपर्क कर रही है और उनके हॉस्पिटल के वॉर्ड में हर रोज़ उनसे मिलने तीन लोग जाते हैं.

सीट बंटवारे की घोषणा से जुड़ी एक बड़ी बता ये है कि कांग्रेस के एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजा जाएगा. सीटों की घोषणा से पहले आम चुनाव के मुद्दा का टोन सेट करते हुए झा ने कहा कि ये चुनाव संविधान की सुरक्षा के लिए लड़ा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि दलितों और बहुजनों को साजिश शिकार होने से भी बचाना. झा ने धर्मनिरपेक्षता पर ज़ोर देते हुए कहा कि आबादी के अनुसार भागीदारी तय करना भी महागठबंधन का लक्ष्य है.

किसको मिलीं कितनी सीटें

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)- 20 सीटें
कांग्रेस- 9 सीटें
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा)- 5 सीटें
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम)- 3 सीटें
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)- 3
आरजेडी कोटा से माले को एक सीट दी गई है.

पहले फेज़ में कहां से कौन होगा उम्मीदवार

  1. गया से हम के जीतन राम मांझी
  2. नवादा से आरजेडी की विभा देवी
  3. जमुई से रालोसपा के भूदेव चौधरी
  4. औरंगाबाद से हम के उपेंद्र प्रसाद

आपको बता दें कि बिहार में महागठबंधन के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार था. तनाव सीटों की वजह से उपजा था. कांग्रेस को पहले 11 सीटें दी गई थीं. लेकिन आरजेडी ने बाद में अपनी इस सहयोगी को आठ सीटों पर लड़ने को कहा जिसके लिए राज्य कांग्रेस के नेता तैयार नहीं थे. इसकी वजह से अटकलें तो ये तक लगाई जा रही थीं कि कहीं ये गठबंधन टूट मत जाए. आखिरकार दोनों पार्टियों में आम सहमति तो बन गई. लेकिन इसके लिए कांग्रेस को तीन सीटों की कीमत चुकानी पड़ी है.

share & View comments