scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनाववोट मेरा, मुद्दा मेरा: 'मोदी सरकार ने किसानों को थोड़ी सी रिश्वत दी है, वो फंसेंगे नहीं'

वोट मेरा, मुद्दा मेरा: ‘मोदी सरकार ने किसानों को थोड़ी सी रिश्वत दी है, वो फंसेंगे नहीं’

योगेंद्र यादव ने ये भी कहा कि आय दोगुनी करने के मामले में आप सरकार से एक आंकड़ा पूछ लीजिए. पूछिए कि 6 साल में दोगुना करने वाले थे तो 3 साल में कितना बढ़ाया.

Text Size:

नई दिल्ली: मुद्दों से भटके देश के आम चुनाव को पटरी पर लाने के लिए देश के समाजसेवियों ने एक मुहिम छेड़ी है. इस मुहिम के तहत नारा उछाला गया है- देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा. इसी पर बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने दिप्रिंट से कहा कि बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए किसानों को सिर्फ थोड़ी रिश्वत भर दी है.

जब यादव से पूछा गया कि क्या सरकार द्वारा दी जाने वाली सालाना 6000 रुपए की रकम से देश के किसानों का भला होगा तो उन्होंने कहा, ‘इन्हें पांचवें बजट में किसानों की याद क्यों नहीं आई जब वो इन्हें इतने ही महत्वपूर्ण लगते थे? सच्चाई ये है कि किसान इनके चित में नहीं है और किसानों का दर्द इनके मन में नहीं है. इन्होंने केवल चुनाव जीतने के लिए किसानों को थोड़ी रिश्वत भर दी है. मुझे नहीं लगता कि किसानों पर इस रिश्वत से कोई असर पड़ने वाला है.’


यह भी पढ़ेंः नीतीश के नेता का वार- मोदी के मंत्री अश्विनी चौबे लड़े तो हारेगी बीजेपी


सरकार के पास किसानों की आय बढ़ाने का कोई आंकड़ा नहीं

योगेंद्र यादव ने ये भी कहा कि 2022 में किसनों की आय दोगुनी करने के मामले में आप सरकार से एक आंकड़ा पूछ लिजिए. सरकार के किसी भी मंत्री या नौकरशाह से पूछ लीजिए कि छह साल में आप आय दोगुना करने वाले थे तो तीन साल में कितना बढ़ा पाए. यादव ने आगे कहा कि इससे सच्चाई पता लग जाएगी, क्योंकि सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं है. किसनों की आय एक पैसा नहीं बढ़ी है.

राष्ट्रीय सुरक्षा इस चुनाव का मुख्य सवाल नहीं

राजनीतिक विशेषज्ञ के तौर पर भी मशहूर यादव ने कहा कि किसानों के सवाल पर पिछले चार साल से सब कुछ छोड़कर वो इस बारे में काम कर रहे हैं. पिछले एक महीने में ये सारे मुद्दे दबा दिए गए. सर्जिकल स्ट्राइक की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि एक आंधी आई और सारी चीज़ें दब गईं और सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा पर ही बात हो रही है. यादव ने ज़ोर देकर कहा, ‘मेरे हिसाब से राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल इस चुनाव का मुख्य सवाल नहीं है.’

पुलवामा हमले की पहले से जानकारी होने के बाद भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के असफल रहने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डोभाल ने जो किया और नहीं किया इसकी जांच होनी चाहिए. इसका मूल्यांकन होना चाहिए और होगा. अगर बीजेपी एयर स्ट्राइक का अपने लिया या पार्टी के फायदे के लिए इस्तेमाल करेगी तो स्वाभाविक है कि विपक्ष तो सवाल पूछेगा ही.

योगेंद्र यादव से ख़ास बातचीत का वीडियो

उन्होंने मुद्दे की बात करते हुए कहा, ‘मेरी राय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर ये चुनाव नहीं लड़ा जाना चाहिए, चाहे ये बीजेपी के पक्ष में जाए या बीजेपी के विपक्ष में. मैं ये नहीं कहता कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो बीजेपी के विपक्ष में हो वो तो बोल दो, लेकिन जो बीजेपी के पक्ष में हो वो मत बोलो. मेरे ख़याल से राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर आम सहमति है. लेकिन ये वो सवाल नहीं हैं, जिनके ऊपर ये चुनाव होना चाहिए.’

किसान, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य असली मुद्दे

यादव ने कहा कि किसान, बेरोज़गारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चुनाव होना चाहिए. इस देश के आम लोगों की गरीबी के मुद्दे पर चुनाव होना चाहिए. वहीं जब उनसे पूछा गया कि केजरीवाल दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर कितने गंभीर हैं तो उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य का मुद्दा बिल्कुल सही है. दिल्ली पूर्ण राज्य होना चाहिए. दिल्ली को पूरी स्वायत्तता मिलनी चाहिए. इसको एक सामान्य राज्य की तरह होना चाहिए. वहीं, अरविंद केजरीवाल की मुद्दे को लेकर गंभीरता पर बोलने से वो बचते दिखे.

जब उनसे पूछा गया कि जनलोकपाल की मांग के समय भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा था लेकिन अभी ये ग़ायब है तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के लिहाज़ से इस चुनाव में राफेल मुद्दा है. उन्होंने ये भी कहा कि महिला सुरक्षा का सवाल बहुत बड़ा है और इस मामले में हालत पहले से ज़्यादा ख़राब हुए हैं. यादव ने ये भी कहा कि आप इसे चुनावी मुद्दा तभी बना सकते हैं जब आप कोई विकल्प पेश कर पाएं. ऐसा करने में विपक्षी पार्टियां सफल नहीं हो पाई हैं.


यह भी पढ़ेंः 2019 लोकसभा चुनाव विशेष: युवा नेतृत्व जिनके ऊपर हो सकता है भविष्य के भारत का भार


मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा अभियान लांच

योगेंद्र यादव के संचालन में आम चुनाव से पहले देश में मुद्दों को पटरी पर लाने से जुड़ा एक अभियान है- मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा. इसे दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में लॉन्च किया गया. कार्यक्रम के दौरान ये कहा गया कि पहले बूथ कैप्चरिंग होती थी अब मुद्दों को ही कैप्चर कर लिया गया है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो 23 मार्च को शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और चुनाव के लिए उनके इस्तेमाल का विरोध करेंगे.

अभियान के तहत जितने भी जनांदोलन हैं वो 23 तारीख़ को एकजुट होंगे. इस दिन देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम होंगे. इसकी शुरुआत असम के तिनसुकिया से होगी और इसका समापन महाराष्ट्र के नंदुरबार में होगा. इस बीच देशभर में लगभग 1000 जगहों पर इस तरह का आयोजन किया जाएगा.

इस दौरान एक ही नारे का इस्तेमाल होगा- देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा. इसके सहारे ये अपील की जाएगी की चुनाव मुद्दों पर आधारित हो. सामाजिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि उस दिन से इस चुनाव की धारा जो है वो पलटनी शुरू हो जाएगी.

share & View comments