scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावदेवबंद में अखिलेश-माया की आज पहली रैली, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की चुनौती

देवबंद में अखिलेश-माया की आज पहली रैली, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की चुनौती

1993 में यह नारा सुनने को मिला था- 'मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम' और यूपी में ऐसी सियासी हवा चली कि बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गई थी.

Text Size:

लखनऊ: यूपी में जिस महागठबंधन की चर्चा पिछले कई महीने से हो रही थी उसका असली रंग आज देखने को मिलेगा. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अलावा आरएलडी की पहली साझा रैली सहारनपुर के देवबंद में रविवार को होने जा रही है. तीनों पार्टियों के गठबंधन के बाद लोकसभा चुनाव के लिए यह पहली साझा रैली होगी. देवबंद की यह रैली जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज के पास आयोजित की गई है, जहां पहले चरण में 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं.

जाट-मुस्लिम एकजुट करने की कोशिश

पश्चिम यूपी को जाट बेल्ट भी माना जाता है. एसपी-बीएसपी और आरएलडी यह चाहते हैं कि इस बार जाट-मुस्लिम साथ साथ आएं. यह पहली बार होगा कि गठबंधन की तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता एक ही मंच पर होंगे. एसी-बीएसपी-आरएलडी की संयुक्त रैलियों की शुरुआत रविवार से हो रही है और आने वाले दिनों में ऐसी कई रैलिया होंगी. जानकारी के मुताबिक मायावती आज अमौसी एयरपोर्ट लखनऊ से चार्टर विमान से सरसावां एयरपोर्ट सहारनपुर जाएंगी. वहां एयरपोर्ट से वह हेलीकॉप्टर से जामिया तिब्बिया मेडिकल कालेज देवबंद के पास स्थित जनसभा स्थल पहुंचेंगी और सभा को संबोधित करेंगी.

बता दें कि लोकसभा चुनाव की शुरुआत 11 अप्रैल से हो रही है. पहले चरण में पश्चिम यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. पहले चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव हैं उनके नाम इस प्रकार हैं- सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर. सबकी नजरें अखिलेश, मायावती और अजीत सिंह के इस शक्ति प्रदर्शन पर हैं

इतिहास दोहराने की चुनौती

करीब 25 साल बाद एसपी और बीएसपी के मुखिया एक साथ चुनावी मंच शेयर कर हाल में दलित आंदोलन के गढ़ बने सहारनपुर से चुनावी आगाज करने जा रहे हैं. दरअसल, साल 1993 में यह नारा सुनने को मिला था- ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्री राम’ और सचमुच यूपी में ऐसी सियासी हवा चली कि एसपी-बीएसपी की आंधी में बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गई. बीजेपी को उस सियासी नुकसान को भरने में सालों लग गए. अब एक बार फिर से पुरानी सियासी कड़वाहट को भुलाते हुए दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया है और सबकी नजरें अब इस बात पर टिकी हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक देवबंद के जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज के पास रैली स्थल पर एक लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के लिए दो हेलिपैड बनाए गए हैं जबकि आरएलडी चीफ अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी सड़क के रास्ते पहुंचेंगे.

share & View comments