नई दिल्ली: एग्ज़िट पोल के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश अब भी भाजपा के साथ नज़र आ रहा है. एबीपी न्यूज़ के पोल के अनुसार मध्यप्रदेश में 29 सीटों में भाजपा के पास 24 और कांग्रेस को 5 सीटें मिलने का अनुमान है. आजतक के अनुसार 26-28 सीटें भाजपा के पाले में जा रही हैं, तो कांग्रेस को 1-3 सीटें मिल रही हैं. न्यूज़ 24 चाणक्या पोल ने भाजपा को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें दी है.
अब तक क्या था हाल
मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए चार चरण में मतदान हुआ. इस चुनाव में असली जंग कांग्रेस और भाजपा के बीच है. विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की सत्ता पर 15 साल बाद काबिज हुई कांग्रेस पार्टी पूरे दम के साथ मैदान में उतरी है. पार्टी को उम्मीद है कि इस बार लोकसभा चुनावों में 20 से ज्यादा सीटे पर जीत हासिल करेंगी. भाजपा को अपना पुराना रिकार्ड दोहराने की चुनौती है. राज्य में कर्जमाफी का मुद्दा है लकिन माफ नहीं होने का. इसके अलावा समर्थन मुल्य नहीं मिलने,पानी और बिजली कटौती भी चर्चा में बने हुए है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 27 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस ने दो सीटे जीती थी.
पूरे प्रदेश की नज़र भोपाल सीट पर लगी हुई है. यहां से भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह उम्मीदवार है.इस चुनाव में साध्वी अपने बयानों को लेकर बेहद चर्चा में रही. इस चुनाव में ध्रुवीकरण की हर संभव केाशिश रही. दोनों ओर से धर्म का सहारा लिया गया.
इंदौर लोकसभा सीट पर रोचक आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन का टिकट काटकर शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने पंकज संघवी को टिकट दिया है. देवास लोकसभा सीट से भाजपा और कांग्रेस ने नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कांग्रेस से कबीर गायक प्रह्लाद टिपानिया मैदान में हैं. वहीं भाजपा ने पूर्व जज महेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है. मंदसौर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता और कांग्रेस से मीनाक्षी नटराजन मैदान में है.रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट कांग्रेस का मज़बूत गढ़ है. यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी चेहरा कांतिलाल भूरिया मैदान में है, जबकि भाजपा ने जीएस डामोर को प्रत्याशी बनाया है.
गुना क्षेत्र कांग्रेस और खासकर ग्वालियर के सिंधिया राजघराने का गढ़ माना जाता है. यहां से कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.ग्वालियर संसदीय क्षेत्र को भी सिंधिया राजघराने के प्रभाव वाला माना जाता है. यहां से बीते तीन चुनावों से भाजपा उम्मीदवार जीतते आ रहे हैं. इस बार मुकाबला कांग्रेस के अशोक सिंह और भाजपा के विवेक शेजवलकर के बीच है.चर्चित सीटों में से एक मुरैना भी है. जहां से इस बार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव लड़ रहे हैं. तोमर ने पिछला चुनाव ग्वालियर से जीता था. तोमर का यहां मुकाबला कांग्रेस के राम निवास रावत से है. दमोह लोकसभा सीट से भाजपा के कद्दावर नेता प्रह्लाद पटेल को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने प्रताप सिंह लोधी पर दांव खेला है.
छिंदवाड़ा सीट पर सूबे के मुखिया कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मैदान में हैं. इस सीट से कमलनाथ 39 साल तक सांसद रहे हैं. नकुलनाथ का यह पहला चुनाव है. सीधी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के बेटे व कांग्रेस के नेता अजय सिंह उर्फ राहुल भैय्या मैदान में है. उनका मुकाबला भाजपा की सांसद रीति पाठक से है. जबलपुर लोकसभा सीट पर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का मुकाबला देश के जाने माने वरिष्ठ वकिल विवेक तन्खा से है.